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तसखिरे हमजाद या अपने रुह को बस मेँ करना

                  -------------------  तसखिरे हमजाद  -------------
हमजाद के अमल दुनयाँ का सबसे ताकतवर अमल हे.जो इनसान इसका आमिल होना सुसकिल हे मगर नामुमकान नहिँ हे.इनसान बुसकिल से खेलना दुसरा नाम इनसान हे.नामुमकिन को म्मुकिन करदिखाना इनसान का काम हे.अगर कोहि इनसाम दिल मेँ ठानले के मेँ कुलकायनात का भलाइ करुँगा.हमजाद का आमिल बन्ना उसकेलिय कोहि मुसकिल काम नहिँ.
हमजाद के अमल का किस्म.
1-  नुरानि
2-  सिफलि
3-  उमुमि
4-  जन्त्रर मन्त्र
5-  खवातिन
1.नुरानि (यह कुरआन के आयात से किया जाता हे )जो कुल कायनात के इनसान के भलाइ के लिय होताहे.अगर दिल मेँ कुछ अर जुबान मेँ कुछ एरादा हो तो मोत बरहक हे.इसको करने वाला इसलीम का पक्का हेना चाहिय अल्लाहा अर रसुल के तरिके का पा बन्द होना सरत हे.वरना नाकामि हि नाकामि हे.
2.सिफलि (बुराइ या सैतानि )यह अमिल के जिमेदारि हेता हे.यह सिरफ बुराइ का काम किया जा सकताहे.इस अमल करने वाले अकसर मोतके घाटउतारे जाते हेँ.
3.उमुमि (आमतोर पे कुछ सामान या एकसुइ के जरया) नं 1का तम्मा सरत लागु होता हे.
बि.द्रमेरे उसताद आलिका एहि उनके किताब मेँ लेख हे.मेँ उनहिँ के एजत से अर अल्लाहा के रहम करम से इस बात को दुनयाँ के हर हर से तक पहँचाना चाहता हुँ कहिँ एह अमले नयत दुनयाँ से मिटना जाए.मेँ मेरे उसतादे आलि से हजारोँ मिलके दुरि मेँ रहते हुए मेँ जानता हुँ मेरे उसताद लिखेथे मेँ तुहेँ खुब हेखता हुँ.तुम आगे बढो अल्लाहा ने चाहा तुम मुझे देख सकते हो.मेरे उसताद मुझे देख रहे हेँ.उनहेँ मेरा आजिजाना सलाम ,अगर गलति होति हो माफि चाहता हुँ.अय मेरे पयारे उसताद मेरा साहारा बनिय ,अल्लाहा से मेरेलिय मेरे परिवार के लिय दुआ किजय अब हम गरिबि अर बिमार हेँ .अल्लाहा हमेँ सफा एनायत दे.हम आपकि दुआके मोहताज हेँ.मेरि भि दुआ हे आपके अल्लाहा जन्नतका आला मकाम नसिब करे.आमिन.
जो इनसा मेरे लेख से हमजाद का अमल करे उसे मेरा दरखास्त हे सबसे पहले मेरे उसताद के लिय दुआय खेर करना ना भुले. अर रहा मेरा बात जितना हो सके कसरत से गालियाँ जरुर देता रहे.आमिन.

पहला नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal) الظالمین من کنت  انی سبحانک انت الاالہ لا
 ( लाइलाहा इल्ला अनता सुबहानका इन्नि कुन्तु मिन्ज जावाल्लिन ) पुरा जलालि जमालि के साथ चार माहा तक 777 बार कर के तनहा मकान मे पढा करे जरुर अल्लाहा के कुदरत का मोसाहेदा मिलेगा अर अपने मकसद मेँ कामियाब होगा.याद रहे एक भि गलति का खयाल दिलमेँ नालाय.सुरु अर आखिर मेँ दरुद इब्राहिन फढना सरत्हे.

2. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
( احدہبربی ولااسرک ربی اللہھولکنا۔عاد)लाकुन्ना हुआल्लाहु रब्बि नला उसरीकु बिरब्बि आहद .1307 बार करके हर दिन चालिस दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.


3. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
निचे लिखे कुरआनि आयात को 303बार  हर दिन ,90 दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.
(वहुआ अलाकुल्लि सौइन कदिर )

4. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
निचे लिखे कुरआनि आयात को 786बार  हर दिन ,365 दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.
(बिलमिल्लाहिर रहमान निर रहिम )

5. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
निचे लिखे कुरआनि आयात को 707बार  हर दिन ,75 दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.
(इन्ना हाजा हुआ हक्किल यकिन फसब्बिहु बिइस्मि रब्बुकल अजिम )

6. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
निचे लिखे कुरआनि आयात को 3125बार  हर दिन ,120 दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.
हर एक अमल जलालि जमालि के साथ तनहाइ मकान मेँ किया जाय़गा.कोहि हेज नफास लडकि या महिला का नजर या अमलके मकानमेँ दाखिल नहिँ हेगा.खुद खाना पकाना खुद पानि लाना अर पिना.कोहि दुसरे का मोहताज नहि बन्ना.ना कोहि मोलाजिमत से नहि करा सकता हे ,अयसे मे अमल खारिज होजाएगा.इसि तरहा सोहबत से भि बाज रहे.नमाज का पाबन्द हेना सरत मेँ से एक अहम सरत हे.     ( अल्लाहा बादशाह हे महम्मद हे उजिर अलि कारवान देवान उजिर )
7. नुरानी हमताद का अमल का दुआ.(Noorani Amal)
निचे लिखे कुरआनि आयात को 3125बार  हर दिन ,40 दिन तक पडा करे.एक इनसानि सकल मेँ आयगा उससे जोकुछ अहद करार करा कर अपना काम कराने का तरिका मालुमात कर ले.
हर एक अमल जलालि जमालि के साथ तनहाइ मकान मेँ किया जाय़गा.कोहि हेज नफास लडकि या महिला का नजर या अमलके मकानमेँ दाखिल नहिँ हेगा.खुद खाना पकाना खुद पानि लाना अर पिना.कोहि दुसरे का मोहताज नहि बन्ना.ना कोहि मोलाजिमत से नहि करा सकता हे ,अयसे मे अमल खारिज होजाएगा.इसि तरहा सोहबत से भि बाज रहे.नमाज का पाबन्द हेना सरत मेँ से एक अहम सरत हे.     (अजमतु अलौकुम या मासरल जिन वलइनस वलरुह बहकि सुलेमान बिन दाउद अलौहिस सलाम अहजरु अहजरु अजहरु या कौमा हमजादु हाजिरु सुद बिहक् या हौयु या कयुमु बिरहमतिका याअरहमर राहेमिन  )अगर अकिदा सहि अर बरकरार रहा 9दिन मेँ भि कामियाब नसिब होसकता हे.
(अर बहत सारि बतौँ अल्लाहा के हाथमे हे जो इनसान के हाथ नहिँ हे.अमिल जान सकता हे.अल्लाहा हर से का जानेवाला अर करनेवाला हे.आप अपना एरादा इनसानके पास छुपा सकते हेँ मगर अल्लाहा के पास नहिँ.

आगे सिफलि हमजाद के कुछ अहम अमलके बयान लुखाजाएगा.

(सेख अब्दल गफार,निआळी ,कटक,ओडिशा,)जयादा जानकारि के लिय लिखे.(bdulgafarshaikh@gmail.com.)

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